विद्यालय प्रशासन एवं प्रबंधन

प्रशासन एवं प्रबंधन के अनिवार्य अंग
  • प्रधानाध्यापक विद्यालय प्रबंधन हेतुअनिवार्य रूप से उत्तरदायी है।

    विद्यालय का प्रशासनिक अधिकारी मूलतः उस विद्यालय का प्रधानाध्यापक होता है जो विद्यालय के दैनंदिन संचालन को सुनिश्चित करता है।

    प्रधानाध्यापक छात्रों, अध्यापकों तथा स्थानीय समुदाय के मध्य सेतु की तरह कार्य करता है। प्रधानाध्यापक अध्यापकों एवं अन्य सहायक कर्मचारियों का निरीक्षणकर्ता है। प्रधानाध्यापक प्रशासक, वित्तीय प्रबंधक, लेखाकार, निरीक्षणकर्ता आदि की समन्वित भूमिका का निर्वहन करता है।

    • सहायक

      छात्रों की शिक्षा के लिए लक्ष्य एवं तैयारी का निर्धारण करता है और इसमें अध्यापकों की पर्याप्त सहायता करता है।

    • संवाद माध्यम

      प्रधानाध्यापक अभिभावकों, छात्रों एवं समुदाय के सदस्यों से संवाद स्थापित करता है।

    • संरक्षक

      प्रधानाध्यापक विद्यालय के भौतिक संसाधनों के साथ ही मानवीय संसाधनों का भी सरंक्षक होता है।

    • वित्तीय प्रबंधक

      विद्यालय का बजट तैयार करता है एवं विभाग से धन प्राप्त हो जाने पर समुचित उपभोग करता है।

    • सजग एवं सवेदनशील

      प्रधानाध्यापक छात्रों का समुदाय एवं समाज में प्रबल हिमायती है एवं छात्र के प्रत्येक व्यवहार के लिए पर्याप्त सजग भी।

    • प्रशासक

      प्रधानाध्यापक विद्यालय के प्रशासन के लिए उत्तरदायी एक सजग प्रशासक होता है।

    • निरीक्षणकर्ता

      प्रधानाध्यापक अध्यापकों, शिक्षामित्रों एवं अन्य सहायक कर्मचारियों का निरीक्षणकर्ता होता है।

    • कार्य निष्पादक

      प्रधानाध्यापक विद्यालय के दैनंदिन संचालन को सुनिश्चित करता है एवं छात्रों, अध्यापकों से निरंतर संवादरत रहता है।

  • विद्यालय प्रबंध समिति विद्यालय के प्रबंधन में सहयोगी है।

    विद्यालय प्रबंध समिति प्रमुख विद्यालय संचालन एवं पर्यवेक्षण में प्र०अ० का मुख्य सहायक होता है।

    विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष विद्यालय में शत प्रतिशत नामांकन, ठहराव एवं छात्रों की उपलब्धि स्तर को बनाये रखकर विद्यालय के सांस्थानिक चरित्र को उभारता है। विद्यालय विकास योजना के माध्यम से विद्यालय के बेहतर संचालन में विद्यालय प्रबंध समिति महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।  

  • विद्यालय प्रशासन एवं प्रबंधन में ग्राम प्रधान प्रमुख सहयोगी है।

    ग्राम शिक्षा समिति का प्रमुख ग्राम प्रधान होता है जो विद्यालयों के भौतिक संसाधनों की देखभाल, मरम्मत का कार्य संपादित कराता है।।

    ग्राम प्रधान द्वारा विद्यालय में छात्रों को विद्यालय परिसर में गर्म, पका पकाया पौष्टिक मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है। ग्राम प्रधान प्रधानाध्यापक के साथ-साथ विद्यालय की प्रशासनिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी करता है एवं समुदाय एवं विद्यालय के मध्य एक आवश्यक कड़ी है। 

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